ज्योतिष में प्रत्येक भाव का अपना एक अर्थ होता है। ज्योतिष में सभी भावों के अर्थ स्थिर होते हैं। जो वास्तव में बदलता है वह राशि होती है। आइए मेष राशि के जन्मे लोगों के लिए 12 भावों को जानें और उनके अर्थ समझें:
प्रथम भाव: प्रथम भाव "स्वयं" का प्रतिनिधित्व करता है। इस भाव का स्वामी ग्रह मंगल है और मेष राशि के लिए प्रथम भाव मेष ही होता है।
द्वितीय भाव: द्वितीय भाव मेष राशि के लिए "धन, परिवार और वित्त" का प्रतिनिधित्व करता है। वृषभ मेष राशि के लिए द्वितीय भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह "शुक्र" है।
तृतीय भाव: तृतीय भाव मेष राशि के लिए "संचार और भाई-बहन" का प्रतिनिधित्व करता है। मिथुन मेष राशि के लिए तृतीय भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह बुध है।
चतुर्थ भाव: चतुर्थ भाव सुखस्थान कहलाता है और सामान्यतः "माता" का प्रतिनिधित्व करता है। हालांकि, कर्क मेष राशि के लिए चतुर्थ भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह "चंद्र" है।
पंचम भाव: पंचम भाव पुत्रों और शिक्षा का भाव है। सिंह मेष लग्न के लिए पंचम भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह "सूर्य" है।
षष्ठ भाव: षष्ठ भाव ऋण, रोग और शत्रुओं का भाव है। कन्या मेष राशि के लिए षष्ठ भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह बुध है।
सप्तम भाव: यह जीवनसाथी, पति/पत्नी और विवाह का प्रतिनिधित्व करता है। तुला मेष राशि के लिए सप्तम भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह शुक्र है।
अष्टम भाव: यह "आयु" और "रहस्य" का प्रतिनिधित्व करता है। वृश्चिक मेष लग्न के लिए अष्टम भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह स्वयं मंगल है।
नवम भाव: यह "गुरु/आचार्य" और "धर्म" का प्रतिनिधित्व करता है। धनु मेष लग्न के लिए नवम भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह बृहस्पति है।
दशम भाव: यह करियर या पेशा या कर्मस्थान का प्रतिनिधित्व करता है। मकर इस भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह "शनि" है।
एकादश भाव: यह लाभ और आमदनी का प्रतिनिधित्व करता है। कुंभ मेष राशि के लिए इस भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह शनि है।
द्वादश भाव: यह व्यय और हानि का प्रतिनिधित्व करता है। मीन मेष राशि के लिए इस भाव में होता है और इसका स्वामी ग्रह बृहस्पति है।
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