वृषभ राशि का दैनिक राशिफल आपके लग्न वृषभ के लिए भावों का अर्थ जानने में मदद करेगा। आइए नीचे देखें कि लग्न वृषभ के लिए ज्योतिष में भाव क्या दर्शाते हैं:
पहला भाव: पहला भाव "स्वयं" का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र इस राशि का स्वामी है और वृषभ राशि के जातकों के लिए पहला भाव वृषभ ही होता है।
दूसरा भाव: दूसरा भाव वृषभ राशि के जातकों के लिए "धन, परिवार और वित्त" का प्रतिनिधित्व करता है। मिथुन इस भाव का स्वामी है और इस भाव पर बुध ग्रह शासन करता है।
तीसरा भाव: तीसरा भाव वृषभ राशि के जातकों के लिए "संचार और भाई-बहन" का प्रतिनिधित्व करता है। कर्क इस भाव का स्वामी है और यह चंद्र ग्रह द्वारा शासित है।
चौथा भाव: चौथा भाव "माता" का भाव होता है और इसे सामान्यतः सुखस्थान कहा जाता है। सिंह इस भाव को ग्रहण करता है और यह सूर्य ग्रह द्वारा शासित है।
पाँचवां भाव: पाँचवां भाव "बच्चों और शिक्षा का भाव" होता है। कन्या लग्न वृषभ के लिए इस भाव को ग्रहण करता है। यह बुध ग्रह द्वारा शासित है।
छठा भाव: छठा भाव "ऋण, रोग और शत्रु" का प्रतिनिधित्व करता है। तुला इस भाव को ग्रहण करता है और स्वयं शुक्र ग्रह द्वारा शासित होता है।
सातवां भाव: यह "जीवनसाथी, जोड़ीदार और विवाह" का प्रतिनिधित्व करता है। वृश्चिक लग्न वृषभ के लिए सातवें भाव को ग्रहण करता है और यह मंगल ग्रह द्वारा शासित है।
आठवां भाव: यह "दीर्घायु" और "रहस्य" को दर्शाता है। धनु इस लग्न के लिए इस भाव को ग्रहण करता है और यह बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित है।
नौवां भाव: यह "गुरु/आचार्य" और "धर्म" को दर्शाता है। मकर राशि वृषभ लग्न के लिए इस भाव को ग्रहण करती है और यह शनि ग्रह द्वारा शासित है।
दसवां भाव: दसवां भाव "कैरियर, पेशा या कर्म" स्थान को दर्शाता है। कुंभ इस भाव को ग्रहण करता है और यह शनि ग्रह द्वारा शासित होता है।
ग्यारहवां भाव: यह सामान्यतः "लाभ और आय" को दर्शाता है। मीन राशि वृषभ जातकों के लिए इस भाव को ग्रहण करती है और यह बृहस्पति ग्रह द्वारा शासित है।
बारहवां भाव: यह "व्यय और हानि" को दर्शाता है। मेष राशि वृषभ जातकों के लिए इस भाव को ग्रहण करती है और यह मंगल ग्रह द्वारा शासित है।
निःशुल्क साप्ताहिक राशिफल के लिए सदस्यता लें
कन्या कर्क कुंभ तुला धनु मकर मिथुन मीन मेष वृश्चिक वृषभ सिंह